साल था 1942 की एक सर्द रात… बर्लिन के सबसे खूंखार तानाशाह एडोल्फ हिटलर के सामने खड़े थे एक निडर भारतीय नेता – नेताजी सुभाष चंद्र बोस! यह मुलाकात सिर्फ़ आज़ादी की बात करने के लिए नहीं थी, बल्कि हिटलर की उस कुख्यात किताब ‘Mein Kampf’ में भारतीयों के लिए लिखे गए अपमानजनक शब्दों पर सीधा सवाल करने के लिए थी।
क्या आप जानते हैं कि हिटलर ने अपनी किताब में भारतीयों को ‘कमजोर और निकृष्ट जाति’ बताया था? नेताजी, जो भारत के सम्मान और स्वाभिमान के सच्चे प्रतीक थे, इस अपमान को कैसे सहन करते? उन्होंने वही गुस्सा और साहस लेकर हिटलर की आँखों में आँखें डालकर वो सच कहा, जो कोई और कहने की हिम्मत नहीं कर सकता था!
यह कहानी सिर्फ़ इतिहास नहीं, बल्कि अदम्य साहस, बेजोड़ आत्मविश्वास और अटूट स्वाभिमान की प्रेरणा है। देखिए यह वीडियो और जानिए कैसे एक भारतीय ने दुनिया के सबसे खतरनाक तानाशाह को चुनौती दी!
पूरी कहानी जानने के लिए वीडियो देखें –