मोबाइल फोन की नीली रोशनी और नींद पर उसका प्रभाव: देर रात तक फोन चलाते हैं? रील्स स्क्रॉल करते-करते घंटों बीत जाते हैं? और सुबह उठने पर लगता है जैसे नींद पूरी हुई ही नहीं? अगर हाँ, तो शायद आपके फोन की एक छोटी सी सेटिंग आपकी नींद को अंदर ही अंदर बर्बाद कर रही है! ये कोई जादू नहीं, बल्कि विज्ञान है। आइए जानते हैं क्या है वो सेटिंग, और कैसे उसे ठीक करके आप अपनी नींद और सेहत, दोनों को सुधार सकते हैं।
मोबाइल चलाने से नींद क्यों नहीं आती
हम सभी जानते हैं कि अच्छी नींद हमारे शरीर और दिमाग के लिए कितनी ज़रूरी है। लेकिन आजकल की डिजिटल दुनिया में, रात को सोते समय फोन चलाना एक आम आदत बन गई है। क्या आप जानते हैं, आपके स्मार्टफोन से निकलने वाली नीली रोशनी (Blue Light) आपकी नींद के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक है?
मोबाइल फोन की नीली रोशनी और नींद पर उसका प्रभाव
दरअसल, हमारी आँखों के लिए दिन की रोशनी में नीली रोशनी का होना ज़रूरी है। यह हमारे शरीर की सरकेडियन रिदम (Circadian Rhythm), यानी 24 घंटे की जैविक घड़ी को नियंत्रित करती है, जो हमें दिन में जगाए रखती है और रात में सोने में मदद करती है। समस्या तब आती है, जब हम रात में भी नीली रोशनी के संपर्क में रहते हैं। हमारे स्मार्टफोन, टैबलेट और कंप्यूटर स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी, सूरज की रोशनी की नकल करती है।
जब हम रात में नीली रोशनी देखते हैं, तो हमारा दिमाग भ्रमित हो जाता है। उसे लगता है कि अभी दिन है, और वह मेलाटोनिन (Melatonin) नामक हार्मोन का उत्पादन कम कर देता है। मेलाटोनिन ही वो हार्मोन है जो हमें नींद आने का संकेत देता है। जब मेलाटोनिन का स्तर कम होता है, तो हमें नींद आने में दिक्कत होती है, नींद की गुणवत्ता खराब होती है, और हम रात भर करवटें बदलते रहते हैं। लंबे समय तक ऐसा होने से अनिद्रा, थकान, तनाव और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
समाधान: अपने फोन में ये सेटिंग बदलें और पाएं अच्छी नींद
तो इसका समाधान क्या है? अच्छी बात ये है कि आप इस समस्या को आसानी से ठीक कर सकते हैं। आपके फोन में ही एक छोटी सी सेटिंग है जिसे ‘नाइट मोड’ (Night Mode) या ‘ब्लू लाइट फिल्टर’ (Blue Light Filter) कहा जाता है। इसे ऑन करने पर, आपके फोन की स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी कम हो जाती है और स्क्रीन का रंग थोड़ा पीला हो जाता है। इससे आपकी आँखों पर तनाव कम पड़ता है और मेलाटोनिन का उत्पादन बाधित नहीं होता।
अच्छी नींद के लिए मोबाइल उपयोग से जुड़े अतिरिक्त प्रभावी उपाय
इसके अलावा, सबसे प्रभावी तरीका है सोने से कम से कम एक घंटा पहले सभी स्क्रीन से दूरी बना लेना। अपने बेडरूम को सोने के लिए ही रखें, न कि मनोरंजन के लिए। सोने से पहले किताब पढ़ें, ध्यान करें, या कोई शांत गतिविधि करें। अपनी नींद को प्राथमिकता देना आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए बेहद ज़रूरी है।
तो अगली बार जब आप रात में फोन उठाएं, तो उस छोटी सी सेटिंग को ऑन करना न भूलें। और सबसे ज़रूरी, सोने से पहले फोन को अपनी पहुँच से दूर रखें। आपकी ये छोटी सी आदत, आपकी नींद की गुणवत्ता में बड़ा सुधार ला सकती है, और एक बेहतर, ज़्यादा ऊर्जावान और स्वस्थ जीवन जीने में मदद कर सकती है।