Labubu Doll: अफवाहें, इतिहास और वायरल क्रेज़ की पूरी कहानी

Real Story of Labubu Doll: एक पुरानी खिलौनों की दुकान में एक दुकानदार अकेला बैठा था। मार्च की सर्द रात थी और समय रात के 11 बज रहे थे। दुकान में सब कुछ शांत था, तभी हवाएं तेज़ हुईं, और एक कोने में रखी हुई गुड़िया से एक अजीब सरसराहट सुनाई दी। दुकानदार थोड़ा अस्तब्ध रह गया, फिर उसने वापस देखा तो आस-पास कुछ भी नहीं था। फिर वो अपने काम में लग गया, लेकिन तभी थोड़ी देर बाद उसके कानों में एक अजीब फुसफुसाहट गूंजी। उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा… और उसकी नज़र एक बार फिर उस गुड़िया पर पड़ी, जिसकी डरावनी आँखें बस ब्लिंक करने वाली थीं!

क्या ये Labubu Doll सच में सांस ले रही थी? ये सिर्फ़ एक कहानी नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर लैबूबू (Labubu) से जुड़ी सबसे बड़ी अफ़वाहों में से एक है! क्या ये गुड़िया सच में एक शैतान का प्रतीक है, या फिर इसके पीछे कोई और ही खेल चल रहा है? वो काला सच, जो आपको हैरान कर देगा… आज जानेंगे लैबूबू की पूरी और असली कहानी!

https://youtu.be/Cg8atryBYLU

Labubu Doll क्या है? – इतिहास और उत्पत्ति

तो सबसे पहले, Labubu कोई आम गुड़िया नहीं है। ये एक खास तरह का ‘आर्ट टॉय’ है, जिसे हॉन्ग कॉन्ग के जाने-माने आर्टिस्ट कासिंग लंग (Kasing Lung) ने बनाया है। कासिंग लंग एक मशहूर इलस्ट्रेटर और डिज़ाइनर हैं, और Labubu उनके खुद के बनाए ‘The Monsters‘ यूनिवर्स का एक अहम हिस्सा है।

Labubu को पहली बार चीन की मशहूर टॉय कंपनी Pop Mart ने ‘ब्लाइंड बॉक्स’ सीरीज के रूप में लॉन्च किया था। Pop Mart, अपने कलेक्टिबल आर्ट टॉयज के लिए दुनिया भर में मशहूर है।

Labubu Doll पहली बार 2015-2016 के आसपास सामने आया, जहाँ यह ‘The Monsters’ सीरीज के मुख्य किरदारों में से एक था। इसकी पहचान है इसकी शरारती मुस्कान, बड़े-बड़े दाँत, और लंबे नुकीले कान।

Labubu की असली कहानी

अब सवाल ये है कि Labubu की ‘असली कहानी’ क्या है, जिसे लोग आज गलत तरीके से समझ रहे हैं। Labubu, दरअसल ‘The Monsters’ की दुनिया का एक हिस्सा है। ये एक छोटा, शरारती लेप्रेकॉन (leprechaun) जैसा किरदार है।

यह कोई शैतानी शक्ति या बुराई का प्रतीक बिल्कुल नहीं है। हाँ, इसके डिज़ाइन में थोड़ी ‘डेविलिश’ या ‘शरारती’ लुक ज़रूर है, जैसे इसके बड़े दाँत और नुकीले कान, लेकिन ये सब इसके चंचल और शरारती स्वभाव को ही दर्शाते हैं।

कासिंग लंग ने अपनी इन कृतियों को भले ही ‘मॉन्स्टर्स’ नाम दिया हो, पर ये मॉन्स्टर्स डरावने नहीं, बल्कि प्यारे और रिलेटिबल हैं, जो इंसानों की तरह अलग-अलग भावनाएं दिखाते हैं।

सोशल मीडिया पर Labubu इतना फेमस क्यों हुआ?

तो आखिर Labubu Doll इतना वायरल क्यों हो गया? इसके कई बड़े कारण हैं:

  • ब्लाइंड बॉक्स का क्रेज़: Pop Mart ‘ब्लाइंड बॉक्स’ मॉडल पर काम करता है, जिसमें आपको पता नहीं होता कि बॉक्स में कौन-सा Labubu फिगर मिलेगा। ये एक तरह का ‘जुआ’ जैसा रोमांच देता है, जो लोगों को और ज़्यादा खरीदने पर मजबूर करता है।
  • कलेक्टिबल कल्चर: आजकल युवा पीढ़ी में कलेक्टिबल आर्ट टॉयज का ज़बरदस्त ट्रेंड है। लोग लिमिटेड एडिशन पीस इकट्ठा करना बहुत पसंद करते हैं।
  • एस्टेटिक अपील: Labubu का डिज़ाइन बेहद अनोखा और प्यारा है। यह फ़ोटो और वीडियो में बहुत आकर्षक लगता है, जिससे सोशल मीडिया पर इसकी पहुंच तेज़ी से बढ़ी।
  • सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट्स: कई एशियाई सेलेब्रिटीज़ और इन्फ्लुएंसर्स ने Labubu को बढ़ावा दिया, जिससे इसकी लोकप्रियता और ज़्यादा बढ़ी।
  • मजबूत कम्युनिटी: Labubu के फैंस की एक बड़ी ऑनलाइन कम्युनिटी है जहाँ लोग अपने कलेक्शन दिखाते हैं, ट्रेड करते हैं, और नए रिलीज़ पर चर्चा करते हैं।

अब लोग इसे क्यों जला रहे हैं?

यहीं से Labubu Doll की लोकप्रियता एक अप्रत्याशित मोड़ पर आ गई। पिछले कुछ समय से, खासकर कुछ अफ्रीकी देशों में, Labubu डॉल्स को जलाते हुए वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहे हैं।

इसके पीछे एक बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी और सांस्कृतिक गलत व्याख्या है।

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, Labubu के डिज़ाइन में जो ‘दाँत’ और ‘कान’ हैं, उन्हें कुछ लोगों ने गलती से ‘डेविल’ (शैतान) या ‘बुरी आत्मा’ से जोड़ दिया। यह गलत धारणा खासकर उन समुदायों में फैली जहाँ धार्मिक विश्वास बहुत मज़बूत हैं और जहाँ ‘शैतानी’ प्रतीकों को गंभीर माना जाता है। उन्होंने Labubu को बुराई का प्रतीक मान लिया।

कुछ मामलों में, ये भी माना गया कि ये मूर्तियां या ‘बुराई लाने वाले ताबीज़’ हैं जिन्हें घर में नहीं रखना चाहिए। इस गलतफ़हमी ने डर और गुस्से को बढ़ाया, जिसका नतीजा Labubu को आग लगाने के रूप में सामने आया।

क्या Labubu सच में शैतान का सूचक है? क्या इसे रखने से बुरा होता है?

तो अब इस सबसे बड़े सवाल का जवाब: क्या Labubu Doll सच में शैतान का सूचक है? बिलकुल नहीं।

जैसा कि हमने पहले बात की, Labubu के निर्माता कासिंग लंग ने इसे कभी भी किसी धार्मिक या शैतानी प्रतीक के रूप में नहीं बनाया। ये सिर्फ़ एक काल्पनिक किरदार है जिसे एक चंचल, थोड़ा शरारती एस्थेटिक दिया गया है। इसका मक़सद केवल आर्ट और कलेक्टिंग के लिए है।

इसे रखने से बुरा होने का कोई वैज्ञानिक या तर्कसंगत प्रमाण नहीं है। ये सब निराधार अफवाहों और गलत धारणाओं का नतीजा है। ये एक क्लासिक केस है जहाँ सांस्कृतिक समझ की कमी और गलत जानकारी ने एक कला के रूप को गलत तरीके से पेश किया।

निष्कर्ष

Labubu Doll की कहानी एक बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे सोशल मीडिया पर कोई भी ट्रेंड तेज़ी से बदल सकता है। एक क्यूट कलेक्टिबल आर्ट टॉय से लेकर एक बड़ी गलतफ़हमी का शिकार बनने तक।

यह हमें याद दिलाता है कि किसी भी चीज़ पर विश्वास करने से पहले, उसकी असल कहानी और उसके पीछे के तथ्यों को समझना कितना ज़रूरी है। Labubu अपनी शरारती मुस्कान और अनोखे डिज़ाइन के लिए हमेशा याद रखा जाएगा, न कि किसी गलत अफवाह के लिए।

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